सूटकेस में प्रेमी की लाश लेकर घूम रही थी प्रेमिका । Crime Story । सच्ची घटना
सूटकेस में प्रेमी का लाश लेकर घूम रही थी प्रेमिका । Crime Story । सच्ची घटना । ExposeTime
Shaukat Hayati
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लड़की ने जी प्रेमी के लिए अपने पति को छोड़ दिया था। अपनी फैमिली वालों से रिश्ते नाते खत्म कर दिए थे। जिस प्रेमी के साथ वह चार सालों से रह रही थी। वो उसी प्रेमी के टुकड़े करती है। उसको सूटकेस में पैक कर कर आधी रात को हाइवे पर घूम रही थी। लेकिन जब पुलिस उस को पकड़ती है और जो वो कहानी पूरे कांड की बताती है वो जानने के बाद हर किसी का मुँह खुला का खुला रह जाता है। यकीनन पूरी कहानी सुनने के बाद आप कन्फ्यूज़ हो जाएंगे कि उस महिला के ऊपर आप गुस्सा करें या फिर उसके ऊपर तरस खाये तो चलते हैं और जानते हैं पूरा मामला।
और पुलिस लड़की के पास जाकर जब उससे पूछती है कि तुम इतनी रात को यहाँ पर क्या कर रही हो? तुम कहाँ जा रही हो? इतना बड़ा सूटकेस लेकर तो वो कपकपाते हुए पुलिस से बोलती है की मैं रेलवे स्टेशन जा रही हूँ। मुझे किसी काम से बाहर जाना है। पुलिस उससे बोलती है, सूटकेस के अंदर क्या है, इसे खोलकर दिखाओ, क्योंकि तुम एक लड़की हो और अगर तुम्हें कुछ कपड़े ले जाने होते तो तुम छोटा वाला बैग ले जाती। इतने बड़े सूटकेस में तुम अकेले क्या लेकर जा रही है?
लड़की कपकपाते हुए हाथों से जब सूटकेस खोलती है और सूटकेस के अंदर जो निकलता है जिसको देखकर पुलिसवालों की आंखें फटी की फटी रह जाती है, क्योंकि सूटकेस के अंदर एक शख्स की लाश थी। उसके दो टुकड़े कर पूरे तरीके से पैक किए गए थे। पुलिस फौरन लड़की को पकड़ लेती है और उसको थाने लाया जाता है। उससे पूछ्ताछ की की जाती है कि आखिर ये लाश किसकी है? हत्या किसने की तो वो पुलिस को बोलती है की मैं शुरू से आखिर तक पूरी कहानी बताती हूँ।
और वो बताती हैं कि उसका नाम प्रीति है। उसकी उम्र 28 साल है। उसकी शादी 5 साल पहले दीपक यादव के साथ हुई थी, लेकिन शादी के बाद दीपक उसको मारता था, पीटता था। वो दीपक के साथ बिल्कुल बिल्कुल भी खुश नहीं थी और उसी बीच उसकी मुलाकात फिरोज से होती है जो टीला मोड़ के पास ही नाई की दुकान चलाता था। फिरोज से उसकी बातचीत शुरू होने के बाद दोनों की प्रेम कहानी चलने लगती है और जब फिरोज उससे शादी करने की बोलता है तो उसकी आंखें चार हो जाती है क्योंकि वो तो दीपक को छोड़ना ही चाहती थी।
और वो दीपक को छोड़कर फिरोज के पास आ जाती है। फिरोज के साथ रहने लगती है। फिरोज संभल का रहने वाला था लेकिन एक कमरे पर वो किराये पर रहा करता था। वह उसके साथ प्रीति भी रहने लगती है। लगभग पूरे 4 साल गुजर जाते हैं और प्रीति उससे काफी टाइम पहले से हर बार उससे यही बोलती थी की अब तुम मुझसे शादी कर लो। इतना वक्त गुजर गया लेकिन फिरोज शादी के लिए टाला मटोली कर रहा था। वहीं 5 अगस्त की रात जब फिरोज अपनी दुकान बंद कर करता है और वो साथ में अपने उस स्त्री और कैंची भी लेकर आया था क्योंकि उस को दूसरे दिन उन पर धार रखनी थी। उनको पेना करवाना था और फिर उसके आते ही प्रीति उससे बोलती है की अब 4 साल हो चूके हैं। मैं तुम्हारे साथ और बिना शादी की नहीं रह सकती। अगर तुम्हें शादी करनी है तो बताओ और नहीं करनी तो बताओ और इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हो जाती है और बहस इतनी बढ़ जाती है। फ़िरोज़ प्रीति से बोलता है की जब तू अपने पति की नहीं हुई तो तू मेरी कैसे हो जाएगी? मैं तो तेरा सिर्फ प्रेमी हूँ और ये सुनना था की प्रीति आग बबूला हो जाती है। वहीं से वो उस्तरा उठाती है और फिर उसकी गर्दन पर ताबड़तोड़ फायर कर देती है। फिरोज जमीन पर गिर जाता है और कुछ देर तड़पने के बाद उसकी जान निकल जाती है।
प्रीति थोड़ी देर सुकून से बैठती है और उसके बाद वो फिरोज की लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाती है और और लाश को बाथरूम में ले जाकर डाल देती है। फिरोज का सारा की निकल जाए और उसके बाद खुद सीलमपुर मार्केट में जाती है। एक बड़ा सा सूटकेस खरीदती है, घर आती है और सबसे पहले फिर उसकी गर्दन को काटकर अलग करती है कि उसकी बॉडी ठीक से सूटकेस में आ सके। पूरे 24 घंटे हो चूके थे। फिरोज की लाश को अपने घर पर रखे हुए और रात 3:30 बजे के टाइम पर वो फिरोज की लाश को सूटकेस में रखकर निकलती है और वो लाश को रेलवे स्टेशन पर लेकर जा रही थी। वो सूटकेस को किसी ट्रेन में रेल में रख देती, जिसके बाद फिरोज की लाश ट्रेन के साथ ही किसी दूसरी जगह पर पहुँच जाती और शिनाख्त भी नहीं हो पाती। कोई पता भी नहीं कर पाता की आखिर ये फिरोज की लाश है और हत्या किसने की है?
लेकिन उससे पहले ही वो पुलिस को देखकर कप कप कप आ गई और पकड़ी गई। और ये घटना खासकर उन लड़कियों के लिए है जो वो किसी के प्यार में पड़कर, अपनी फैमिली को, अपने पति को और सारी दुनिया को छोड़ने को तैयार हो जाती है। सिर्फ ये सोच कर के वो जिससे प्यार करती है जो उनका प्रेमी है वो दुनिया का सबसे स्पेशल है। सबसे ज्यादा खास है उस जैसा ना कोई है और ना कोई हो सकता और इसी अंधे प्यार में आकर वो सिर्फ उसी की हो जाती है और अपनी खुशी अपनी इस्माइल अपनी जिंदगी की सारी खुशियां उसके हाथों में सौंप देती है और जब वो उन खुशियों को तोड़ता है तो उनकी जिंदगी गुजर जाती है और ऐसे ही कांड निकलकर सामने आते हैं।
तो इसीलिए अपनी खुशिया, अपनी इस्माइल और अपनी ज़िन्दगी का सबकुछ अपनी डोर किसी और के हाथ में ना दे, प्यार करे, मोहब्बत करें लेकिन एक लिमिट में रहकर आप इस घटना पर क्या बोलना चाहेंगे? कमेंट बॉक्स में जरूर बताएगा। मिलते है अगले पोस्ट में।
https://youtu.be/aICQIRV-Kco
सूटकेस में प्रेमी का लाश लेकर घूम रही थी प्रेमिका । Crime Story । सच्ची घटना
दिल्ली के गाजियाबाद के हाइवे पर 6 अगस्त की रात लगभग 3:30 बजे के टाइम पर वहाँ की पुलिस गश्त कर रही थी, चेकिंग कर रही थी। उसी बीच पुलिस की नजर एक लड़की पर पड़ती है जो हाइवे के किनारे खड़ी हुई थी। उसके हाथ में एक बड़ा सा सूटकेस था और शायद वो ऑटो आने का इंतजार कर रही थी या किसी और का। पुलिस उस लड़की के पास पहुंचती है और लड़की की नजर जैसे ही पुलिस पर पड़ती है उसके हाथ का सूटकेस छूट जाता है। सूटकेस जमीन पर गिर जाता है।और पुलिस लड़की के पास जाकर जब उससे पूछती है कि तुम इतनी रात को यहाँ पर क्या कर रही हो? तुम कहाँ जा रही हो? इतना बड़ा सूटकेस लेकर तो वो कपकपाते हुए पुलिस से बोलती है की मैं रेलवे स्टेशन जा रही हूँ। मुझे किसी काम से बाहर जाना है। पुलिस उससे बोलती है, सूटकेस के अंदर क्या है, इसे खोलकर दिखाओ, क्योंकि तुम एक लड़की हो और अगर तुम्हें कुछ कपड़े ले जाने होते तो तुम छोटा वाला बैग ले जाती। इतने बड़े सूटकेस में तुम अकेले क्या लेकर जा रही है?
लड़की कपकपाते हुए हाथों से जब सूटकेस खोलती है और सूटकेस के अंदर जो निकलता है जिसको देखकर पुलिसवालों की आंखें फटी की फटी रह जाती है, क्योंकि सूटकेस के अंदर एक शख्स की लाश थी। उसके दो टुकड़े कर पूरे तरीके से पैक किए गए थे। पुलिस फौरन लड़की को पकड़ लेती है और उसको थाने लाया जाता है। उससे पूछ्ताछ की की जाती है कि आखिर ये लाश किसकी है? हत्या किसने की तो वो पुलिस को बोलती है की मैं शुरू से आखिर तक पूरी कहानी बताती हूँ।
और वो बताती हैं कि उसका नाम प्रीति है। उसकी उम्र 28 साल है। उसकी शादी 5 साल पहले दीपक यादव के साथ हुई थी, लेकिन शादी के बाद दीपक उसको मारता था, पीटता था। वो दीपक के साथ बिल्कुल बिल्कुल भी खुश नहीं थी और उसी बीच उसकी मुलाकात फिरोज से होती है जो टीला मोड़ के पास ही नाई की दुकान चलाता था। फिरोज से उसकी बातचीत शुरू होने के बाद दोनों की प्रेम कहानी चलने लगती है और जब फिरोज उससे शादी करने की बोलता है तो उसकी आंखें चार हो जाती है क्योंकि वो तो दीपक को छोड़ना ही चाहती थी।
और वो दीपक को छोड़कर फिरोज के पास आ जाती है। फिरोज के साथ रहने लगती है। फिरोज संभल का रहने वाला था लेकिन एक कमरे पर वो किराये पर रहा करता था। वह उसके साथ प्रीति भी रहने लगती है। लगभग पूरे 4 साल गुजर जाते हैं और प्रीति उससे काफी टाइम पहले से हर बार उससे यही बोलती थी की अब तुम मुझसे शादी कर लो। इतना वक्त गुजर गया लेकिन फिरोज शादी के लिए टाला मटोली कर रहा था। वहीं 5 अगस्त की रात जब फिरोज अपनी दुकान बंद कर करता है और वो साथ में अपने उस स्त्री और कैंची भी लेकर आया था क्योंकि उस को दूसरे दिन उन पर धार रखनी थी। उनको पेना करवाना था और फिर उसके आते ही प्रीति उससे बोलती है की अब 4 साल हो चूके हैं। मैं तुम्हारे साथ और बिना शादी की नहीं रह सकती। अगर तुम्हें शादी करनी है तो बताओ और नहीं करनी तो बताओ और इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हो जाती है और बहस इतनी बढ़ जाती है। फ़िरोज़ प्रीति से बोलता है की जब तू अपने पति की नहीं हुई तो तू मेरी कैसे हो जाएगी? मैं तो तेरा सिर्फ प्रेमी हूँ और ये सुनना था की प्रीति आग बबूला हो जाती है। वहीं से वो उस्तरा उठाती है और फिर उसकी गर्दन पर ताबड़तोड़ फायर कर देती है। फिरोज जमीन पर गिर जाता है और कुछ देर तड़पने के बाद उसकी जान निकल जाती है।
प्रीति थोड़ी देर सुकून से बैठती है और उसके बाद वो फिरोज की लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाती है और और लाश को बाथरूम में ले जाकर डाल देती है। फिरोज का सारा की निकल जाए और उसके बाद खुद सीलमपुर मार्केट में जाती है। एक बड़ा सा सूटकेस खरीदती है, घर आती है और सबसे पहले फिर उसकी गर्दन को काटकर अलग करती है कि उसकी बॉडी ठीक से सूटकेस में आ सके। पूरे 24 घंटे हो चूके थे। फिरोज की लाश को अपने घर पर रखे हुए और रात 3:30 बजे के टाइम पर वो फिरोज की लाश को सूटकेस में रखकर निकलती है और वो लाश को रेलवे स्टेशन पर लेकर जा रही थी। वो सूटकेस को किसी ट्रेन में रेल में रख देती, जिसके बाद फिरोज की लाश ट्रेन के साथ ही किसी दूसरी जगह पर पहुँच जाती और शिनाख्त भी नहीं हो पाती। कोई पता भी नहीं कर पाता की आखिर ये फिरोज की लाश है और हत्या किसने की है?
लेकिन उससे पहले ही वो पुलिस को देखकर कप कप कप आ गई और पकड़ी गई। और ये घटना खासकर उन लड़कियों के लिए है जो वो किसी के प्यार में पड़कर, अपनी फैमिली को, अपने पति को और सारी दुनिया को छोड़ने को तैयार हो जाती है। सिर्फ ये सोच कर के वो जिससे प्यार करती है जो उनका प्रेमी है वो दुनिया का सबसे स्पेशल है। सबसे ज्यादा खास है उस जैसा ना कोई है और ना कोई हो सकता और इसी अंधे प्यार में आकर वो सिर्फ उसी की हो जाती है और अपनी खुशी अपनी इस्माइल अपनी जिंदगी की सारी खुशियां उसके हाथों में सौंप देती है और जब वो उन खुशियों को तोड़ता है तो उनकी जिंदगी गुजर जाती है और ऐसे ही कांड निकलकर सामने आते हैं।
तो इसीलिए अपनी खुशिया, अपनी इस्माइल और अपनी ज़िन्दगी का सबकुछ अपनी डोर किसी और के हाथ में ना दे, प्यार करे, मोहब्बत करें लेकिन एक लिमिट में रहकर आप इस घटना पर क्या बोलना चाहेंगे? कमेंट बॉक्स में जरूर बताएगा। मिलते है अगले पोस्ट में।
https://youtu.be/aICQIRV-Kco
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