चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन Dil Ki Baat, Shayari Ke Sath
चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन Dil Ki Baat, Shayari Ke Sath
Shaukat Hayati
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अभी तक मौजूद है इस दिल पे तेरे क़दमों के निशान,
हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया।
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Dil Ki Baat, Shayari Ke Sath
अरे किराए का घर समझकर ही मेरे दिल मे बस जाओ,
मैँ समझूँगा मेरे दिल का मकान मालिक रहने आया है।
सुना है तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग..
एक नज़र हमको भी देख लो.. ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती..।
💓💓💓
वो कह कर गई थी कि लौटकर आऊँगी,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता,
वो झूठ भी बोल रही थी बड़े सलीके से,
मैं ऐतबार ना करता तो क्या क्या करता।
💘💘💘
Mera Dil Jalane Waale Mera Dil Jala Ke Roye.. दिल की बात
मेरा दिल जलाने वाले, मेरा दिल जला के रोए,
मुझे आजमाने वाले, मुझे आजमा के रोए,
मेरे सामने से गुजरे, मेरा हाल भी ना पूछा,
कैसे यकीं करुं मैं, के वो दूर जा के रोए।
❣️❣️❣️
हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी,
हसरते सारी दिल में ही मर गयी,
चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में,
हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।
🥀🥀🥀
दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता,
हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता,
अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ,
तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नहीं होता।
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Dil Ki Baat Shayari Ke Sath... चेहरे पे मेरे ज़ुल्फ़ों को फैलाओ किसी दिन
चेहरे पे मेरे ज़ुल्फ़ों को फैलाओ किसी दिन,
जो रोज़ गरजते हो, बरस जाओ किसी दिन,
खुशबू की तरह गुज़रो मेरे दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन।
कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।
🌹🌹🌹
फूल खिलते हैं बहारों का समा होता है,
ऐसे मौसम में ही तो प्यार जवां होता है,
दिल की बातों को होठों से नहीं कहते,
ये फ़साना तो निगाहों से बयाँ होता है।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे।
💞💞💞
तेरे ख्वाब, तेरा ख्याल, तेरी अधूरी मुलाकातें,
मेरे पास गुनगुनाने को तेरे अफ़साने बहुत हैं।
Dil Ki Baat Shayari Ke Sath, शायरी 2020
🌷🌷🌷
हम रूठे तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए,
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको
पर दिल कहाँ से लाये.. आप से रूठ जाने के लिए।
💗💗💗
मोहब्बत की ज़ंजीर से डर लगता हे,
कुछ अपनी तकदीर से डर लगता हे,
जो मुझे तुझसे जुदा करते हों,
हाथ कि उन लकीरो से डर लगता हे।
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कितना भी रोको इसे हाथों से फ़िसल जाता है,
ये वक़्त है साहिब पल भर में बदल जाता है।
💓💓💓
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