सीने में दब गए हैं जो वो जज़्बात क्या कहें, शायरी दिल से
24 January
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नज़रें तुम्हें देखना चाहें, तो आंखों का क्या क़सूर,
हर पल याद तुम्हारी आए तो सांसों का क्या क़सूर,
वैसे तो सपने पूछ कर नहीं आते,
पर सपने तेरे ही आएं तो हमारा क्या क़सूर।
और एक क़तरा है जो मुझसे सम्भाला नहीं जाता,
एक मुद्दत है जो मुझे बितानी है किसी के बग़ैर,
मैं तुझमें गुज़र जाऊं तुम मुझमे गुज़र जाना।
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Shayari Dil Se 🌹🌹 शायरी दिल से
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कितना अधूरा लगता है:
जब बदल हो पर बरसात ना हो,
जब ज़िन्दगी हो, पर प्यार ना हो,
जब आंखें हों, पर ख़्वाब ना हो,
दुनियां में हम कितने खुशनसीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको,
क्या होगा जब आप हमारे क़रीब होंगे।
शायरी दिल से 🌹🌹 Shayari Dil Se
कुछ इस तरह भी खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,
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